[] पुलिसिया कुचरणीं []
मिनखां रा
सळ काढण आळी उस्तरी
जकी घणीं तप्यां पछै
बाळ देवै
इणीं खातर
भला मिनख
इण री तपत देख
पईसां रो छांटो देय’र
दूर सूं ई टाळ देवै !
मारणों गोधो
जकै रै आगै
भाज्यां ई
पार पडै़
खड़्यो रै’यां
मार पडै़ !
कटखावणै देवता रो थान
जकै नै धोक्यां खतरो
अर नीं धोक्यां घणों खतरो
थाणै रै गेलै सूं पग रोको
जे अकल है तो
इण नैं
लारली गळी सूं धोको !
पुलिस-१
मिनखां रा
सळ काढण आळी उस्तरी
जकी घणीं तप्यां पछै
बाळ देवै
इणीं खातर
भला मिनख
इण री तपत देख
पईसां रो छांटो देय’र
दूर सूं ई टाळ देवै !
पुलिस-२
मारणों गोधो
जकै रै आगै
भाज्यां ई
पार पडै़
खड़्यो रै’यां
मार पडै़ !
* ठाणों *
कटखावणै देवता रो थान
जकै नै धोक्यां खतरो
अर नीं धोक्यां घणों खतरो
थाणै रै गेलै सूं पग रोको
जे अकल है तो
इण नैं
लारली गळी सूं धोको !
Comments
One response to “कुचरणी- ओम पुरोहित 'कागद'”
Wha Om ji kya khub likhyo h bhai ji Polic or THANO Dona n ly liyo thhe.Kuchrni ma gheno hi blokedo thikho vyeng h.Ab to kuchrni thari Aadet ma sumar ho geyi h. Aaj r mohal ma thare jise thiki kuchrni ri jruret h. Aaaaaaaaaaage or likhta reho.kuchrni krta reho.thnae bhi Aannad Aave or mahne bhi.
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